Google E-EAT Kya Hai: एक ब्लॉगर के लिए यह क्यों जरूरी है?

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Google E-EAT Kya Hai: यदि आप एसईओ या ब्लॉग में काम करते हैं, तो आपने संभवतः गूगल के ई-ईएटी दिशानिर्देशों के बारे में अवश्य ही सुना होगा।

Google E-EAT Kya Hai
Google E-EAT Kya Hai

2018 में गूगल के Industry-Changing अपडेट के बाद से जिसे “The Medic अपडेट” के रूप में भी जाना जाता है। इस अपडेट ने एसईओ दुनिया का ध्यान अपनी तरफ बहुत तेजी से खींचा है और यह काफी हद तक सही भी है।

आज, गूगल के शीर्ष पर रैंक करना पहले से कहीं अधिक कठिन हो गया है। ऐसा करने के लिए, आपको आधारभूत कार्य करने की आवश्यकता है और गूगल उस कंटेंट को महत्व देता है जो “Experience’, ‘ Expertise’, ‘Authority’ और ‘Trustworthiness’ यानी की गूगल ई-ईएटी में अच्छा स्कोर करता है।

यह तो आपको पता ही होगा कि गूगल दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन है। अगर आपको ब्लॉगिंग से बहुत सारा पैसा कमाना है, तो आपके आर्टिकल को गूगल सर्च इंजन के टॉप पर रैंक करना होगा। ऐसा करने में यह लेख आपकी मदद करेगा।

इस लेख मेंआपको Google E-EAT Kya Hai? गूगल ई-ईएटी के तीन मुख्य स्तंभों में से प्रत्येक का स्पष्टीकरण मिलेगा, यह एसईओ के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है, और 7 तरीकों से आप इसे अपनी एसईओ रणनीति में शामिल कर सकते हैं।

इस लेख को पढ़ने के बाद आप आसानी से Google E-EAT अल्गोरिदमs को समझ जायेंगे। जिसके बाद आप अभी अपने गूगल ई-ईएटी को आसानी से बढ़ा सकते हैं, तो ज्यादा समय न लेते हुए सीधा चलते हैं अपने लेख पर…

Google E-EAT क्या है?

गूगल ई-ईएटी (Experience, Expertise, Authority और Trustworthiness) उन दिशानिर्देशों में से एक है जिसका उपयोग गूगल यह आकलन करने के लिए करता है कि आपके द्वारा प्रदान किया गया कंटेंट युजर्स के लिए उपयोगी है या नहीं।

इसके अलावा आप (यानी जिसके द्वारा कंटेंट प्रदान किया गया है) वह सही व्यक्ति है या कोई Robot तो नही है। यह युजर्स को Low-Quality कंटेंट से बचाने का गूगल का अपना तरीका है।

जबकि गूगल ई-ईएटी तकनीकी रूप से एक रैंकिंग Factor नहीं है, इसके अलावा अगर आपके द्वारा प्रदान की गई जानकारी सही नही है, तो यह गूगल के SERPs में आपकी Position को प्रभावित कर सकता है।

गूगल ई-ईएटी सबसे पहले गूगल के सर्च Quality Evaluator दिशानिर्देशों के भाग के रूप में सामने आया। यहाँ मैं एक बात साफ कर देता हूँ कि ई-ईएटी दिशानिर्देश गूगल के एल्गोरिदम का अपडेट नहीं हैं।

ये दिशानिर्देश गूगल की मानव रेटिंग टीम के लिए बनाए गए थे। यह टीम महत्वपूर्ण खोज करती है और उन वेबसाइटों का मूल्यांकन करती है। जो Specific कीवर्ड के लिए गूगल पर Highest रैंक करती हैं।

इस Quality टीम के निष्कर्षों का उपयोग गूगल इंजीनियरों को उसके समग्र रैंकिंग अल्गोरिदम को बेहतर बनाने के तरीकों के बारे में सूचित करने के लिए किया जाता है। हमारे आस-पास की दुनिया लगातार बदलती है।

जिसके कारण गूगल की रैंकिंग लगातार विकसित होनी चाहिए, इसलिए ये नियमित अपडेट गूगल को समय के साथ चलने के लिए अपने अल्गोरिदम्स को अनुकूलित करने की अनुमति देते हैं।

Google E-EAT की फुल फॉर्म क्या है।

गूगल ई-ईएटी की फुल फॉर्म, E for Experience (अनुभव) E For Expertise (विशेषज्ञता), A For Authoritativeness (अधिकार) और T For Trustworthiness (भरोसा) होता है।

Google E-EAT कैसे काम करता है?

गूगल के खोज गुणवत्ता मूल्यांकनकर्ता गूगल ई-ईएटी के संबंध में निम्नलिखित तीन Factors – Experience (अनुभव), Expertise (विशेषज्ञता), Authority (अधिकार), Trustworthiness (विश्वसनीयता) पर विचार करते हैं। तो आइए इनके बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं।

E – Experience (अनुभव)

क्या कंटेंट क्रिएटर के पास उस विषय पर प्रत्यक्ष या जीवन का अनुभव है जिसके बारे में वे लिख रहे हैं? उदाहरण के लिए, लोग किसी ऐसे व्यक्ति की समीक्षा पर अधिक भरोसा करते हैं जिसने किसी उत्पाद का इस्तेमाल किया है, न कि किसी ऐसे व्यक्ति की जिसने इसका इस्तेमाल नहीं किया है।

E – Expertise (विशेषज्ञता)

Expertise को हिंदी में विशेषज्ञता कहा जाता है। इसका मतलब होता है कि आप किसी काम अथवा फिल्ड में एक्सपर्ट (विशेषज्ञ) या आप उस बिषय के बारे में जानकार अथवा कुशल होते हैं। आप हमेशा ऐसी टॉपिक पर अपना ब्लॉग बनायें जिसमें आप एक्सपर्ट (विशेषज्ञ) हों।

हाँलाकि आपका ज्ञान उस समय निरर्थक साबित होता है, जब आप यह नहीं जानते कि अपनी विशेषज्ञता को किस तरह और कैसे व्यक्त किया जाए जिससे आपकी साइट पर ट्रैफिक  बढ़े।

इसलिए अपने आर्टिकल को पब्लिश करने से पहले अपने आप से सवाल पूछें। क्या आपका कंटेंट आपके ज्ञान को जानकारीपूर्ण और आकर्षक तरीके से प्रदर्शित कर रहा है? क्या आपने सोचा है कि आपके युजर्स क्या खोज रहे हैं? क्या आपका कंटेंट आपके युजर्स की आवश्यकताओं को पूरा करता है।

अगर इन सभी सवालों के जवाब आपको अपने आर्टिकल से मिल जाते हैं। तब जाकर अपने आर्टिकल को पब्लिश करें। ऐसा करते-करते आप अपनी टॉपिक पर एक्सपर्टise (विशेषज्ञता) हाँसिल कर लेंगे। जो आगे चलकर आपके लिए बहुत मददगार साबित होगी।

A – (Authoritativeness) – अधिकार

Authoritativeness को हिंदी में अधिकार कहा जाता है। खुद को एक एक्सपर्ट के रूप में स्थापित करना केवल शुरुआत है। एक Authoritativeness (प्राधिकारी) बनने के लिए, आपके कंटेंट को आपके टॉपिक से संबंधित अन्य मान्यता प्राप्त विशेषज्ञों और प्रभावशाली लोगों द्वारा प्रोमोट अथवा उसकी सराहना की जानी चाहिए।

एक बार जब आपके साथी आपके काम को हाई-क्वालिटी वाले सोर्स के रूप में उपयोग करते हैं, तो आपका ब्रांड आपके चुने हुए टॉपिक में एक सम्मानित आवाज बन जाता है। आपके टॉपिक के किसी ब्लॉगर द्वारा अपनी वेबसाइट पर आपके काम की प्रशंसा करने से बेहतर कोई समर्थन नहीं है।

इसके अलावा आप अपने सभी सोशल मीडिया प्रोफाइल में अपना एक समान ही Bio रखें, क्योंकि गूगल आपकी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर जाकर इसे चेक करता है। यहाँ पर गूगल चेक करता है कि सोशल मीडिया और अन्य वेबसाइटों के आपके बारे में कैसे विचार हैं।

अगर गूगल को सभी जगहों से अच्छे संकेत मिलते हैं, तो वह आपके ब्लॉग अथवा ब्लॉग ऑथर की अथॉरिटी को बढ़ा देता है।

T – (Trustworthiness) – भरोसेमंद

Trustworthiness का हिंदी मतलब भरोसेमंद होता है। विश्वास, या इससे भी महत्वपूर्ण बात, इसकी कमी, आपके ब्लॉग को गूगल SERP पर शीर्ष स्थान से बाहर कर सकती है।

आप नहीं चाहेंगे कि आपके ब्लॉग के बारे में ऑनलाइन नकारात्मक रीव्यूस हों, क्योंकि इससे आपकी रैंकिंग खराब हो जाएगी। इससे निपटने के लिए, आपको अपने ब्लॉग और Trustpilot या फेसबुक जैसी Third-Party साइटों पर युजर्स के सकारात्मक रीव्यूस प्रकाशित करना चाहिए।

दुर्भाग्य से, यदि आपको कुछ नकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है, तो इसे जल्द से जल्द संबोधित करने की आवश्यकता है। आप नहीं चाहेंगे कि नकारात्मक टिप्पणियाँ सकारात्मक पर भारी पड़ें। गूगल ने स्पष्ट किया है कि बहुत अधिक ख़राब रीव्यूस, ख़राब Quality का संकेत हैं।

Google E-EAT एसईओ के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

मूलतः, गूगल जो कर रहा है वह हमें इस बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान कर रहा है कि वे किसे हाई-क्वालिटी, Trustworthy कंटेंट मानते हैं। साथ ही, यह युजर्स को यह भी सूचित करता है कि कौन सा कंटेंट उनके लिए सबसे अधिक मूल्यवान होगा।

इसलिए, अपनी एसईओ रणनीति का संचालन करते समय इन चार स्तंभों (ई-ईएटी) पर विचार करना महत्वपूर्णहोता है। गूगल ई-ईएटी “Your Money Your Life” (YMYL) कंटेंट के लिए विशेष रूप से बहुत ज्यादा प्रभावशाली होता है।

अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि यह (YMYL) कंटेंट क्या होता है? ऐसा कंटेंट जो विश्व समाचार, स्वास्थ्य, कानून, नस्ल के मुद्दों, जातीय और धार्मिक समूहों, या यौन अभिविन्यास और लिंग पर जानकारी पर केंद्रितहोता है। (YMYL) कंटेंट कहलाता है।

इन विषयों पर गलत जानकारी प्रदान करने से आपकी ई-ईएटी रैंकिंग में काफी कमी आएगी, जिससे आपके ब्लॉग के सम्मान को बहुत बड़ा नुकसान होगा।

क्या Google E-EAT एक रैंकिंग फैक्टर है?

नहीं, बिल्कुल भी नहीं।

गूगल ई-ईएटी और YMYL ऐसा कोंसेप्ट्स हैं जिनका उपयोग गूगल Quality Evaluators अपनी स्वयं की एल्गोरिथम कोंसेप्ट्स को सरल बनाने के लिए करते हैं।

गूगल आपकी साइट के लिए स्कोरिंग मेट्रिक के रूप में ई-ईएटी का उपयोग नहीं करता है। गूगल ई-ईएटी आपके ब्लॉग अथवा आर्टिकल की रैंकिंग में फर्क नहीं ड़ालता है।

Google E-EAT एसईओ को बेहतर कैसे बनायें?

यहाँ तक आपको यह अच्छे से समझ में आ गया होगा की Google E-EAT Kya Hai? और जिन लोगों का ब्लॉग (YMYL) कंटेंट पर आधारित है।

उन्हे इस पर ज्यादा क्यों देना चाहिए। इसके लिए हम आपको 7 ऐसे तरीके बताने वाले हैं। जिनका उपयोग करके आप अपने ब्लॉग के गूगल ई-ईएटी एसईओ को बेहतर बना सकते हैं, तो आईए जानते हैं इनके बारे में…

#1 – अपडेटेड कंटेंट लिखें

सर्च इंजन के SERP पर टॉप रैंकिंग हासिल करने के लिए आपकी वेबसाइट का कंटेंट, कंप्रेसिव और संबंधित  होना चाहिए। पुराना कंटेंट शायद ही कभी किसी सर्च इंजन पर High रैंक हासिल करता होगा।

इसलिए, आपको नियमित रूप से अपने आर्टिकल की समीक्षा करनी चाहिए और जहां तक आवश्यक हो उसे अपडेट करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आपके सभी आर्टिकल अपडेटेड हैं।

अपनी साइट पर किसी भी आर्टिकल को अपडेट करते समय, आपको वह तारीख अवश्य दिखानी चाहिए जब आपके आर्टिकल को अंतिम बार अपडेट किया गया था।

इससे होता यह है कि जब भी कोई युजर आपके आर्टिकल पर आता है, तो उसे यह लगता है कि इस आर्टिकल जो भी जानकारी दी गई है वह अपडेटेड है।

#2 – ऑथर प्रोफाइल बनायें

आप जब भी अपना ब्लॉग बनाते हैं तथा उसमें आर्टिकल लिखते हैं। उसमें आपको अपनी ऑथर प्रोफाइल को अवश्य दिखायें। यदि आपके ब्लॉग पर कोई दूसरा लेखक आर्टिकल लिखता है, तो आप उसका ऑथर प्रोफाइल दिखायें।

यहाँ पर आप लेखक का संक्षिप्त विवरण और उनके लिंकडिन प्रोफाइल के लिंक जैसी जानकारी जोड़ सकते हैं, जो लेखक और वेबसाइट की विशेषज्ञ स्थिति को आगे बढ़ाएगा।

इसके अलावा आप आपने ब्लॉग और अपने बारे में ज्यादा जानकारी प्रदान करने के लिए “About us” का पेज बना सकते हैं।

जिसमें आप अपने और ब्लॉग के बारे में सम्पूर्ण जानकारी जैसे आपके ब्लॉग का इतिहास, इस क्षेत्र मेंआपका सम्मान क्यों किया जाता है आदि प्रदान कर सकते हैं।

इसके अलावा अगर आप लिंकडिन अथवा फेसबुक जैसे अन्य सोशल मीडिया चैनलों का उपयोग करते हैं, तो अपने पेज पर Add कर सकते हैं। इसकी मदद से आपके युजर्स आपके ब्लॉग और आपके बारे में अधिक जानकारी हाँसिल कर सकता है।

#3 – सोशल मीडिया प्रोफाइल बनायें

आप जब भी ब्लॉग बनाते हैं तो अपने सोशल मीडिया अकाउंट बनायें। ये सभी सोशल मीडिया अकाउंट प्रोफेशनल होने चाहिए। इसके अलावा आपके जितने भी ब्लॉग Writer हैं उनके भी सोशल मीडिया प्रोफाइल को Add करना होगा।

जैसे आपका ब्लॉग हेल्थपर अधारित है, तो आपके तथा आपके सभी ब्लॉग लेखकों के सोशल मीडिया अकउंट पर एक डॉक्टर के रूप में ही दिखायें। इससे आपके और युजर्स के बीच विश्वास बढ़ता है।

#4 – Trustworthy ब्लॉग डिज़ाइन बनाएं

यदि आपके ब्लॉग का डिजाइन बहुत भद्दा है, तो आपके युजर्स आपके ब्लॉग पर आयेंगे लेकिन उसके पर दुवारा वापस नहीं लौटेंगे।

जो आपके ब्लॉग की रैंकिंग में बहुत बुरा प्रभाव डालता है। लेकिन आप कुछ सरल समावेशन के साथ अपनी वेबसाइट को सुरक्षित बना सकते हैं।

डेटा ट्रांसफर को सुरक्षित करने के लिए आपको HTTPS का भी उपयोग करना चाहिए। आप ब्लॉग की डिजाइन जितनी simpleरखेंगे। आपके ब्लॉग की रैंकिंग के लिए उतना ज्यादा बेहतर रहता है।

#5- स्ट्रांग ब्रांड Identity बनायें

एक स्ट्रांग ब्रांड Identityबनाना और उसे कायम रखना अंततः आपको जानकारी के एक भरोसेमंद स्रोत के रूप में स्थापित करेगा।

एक स्ट्रांग ब्रांड बनाने के लिए, युनिक कंटेंट, Like ब्लॉग्स, Whitepapers, Podcasts और Videos को बहुत अच्छी तरह से अपने युजर्स के सामने प्रदान करें। जो आपके युजर्स के द्वारा खोजे गये प्रश्न का अच्छे से उत्तर दे सके।

अगर आप अपने ब्लॉग पर ऐसा करते हैं, तो आपके ब्लॉग की पहचान एक स्ट्रांग ब्रांडके रूप में उभकर सामने आयेगी।

#6 – Forum वेबसाइट्स में प्रश्नों के जवाब दें

इंटरनेट पर आज के समय में बहुत सी ऐसी वेबसाइट हैं जहाँ पर युजर्स अपने प्रश्नों के उत्तर पाने के लिए आते हैं। यहाँ पर आपने ब्लॉगिंग टॉपिक से संबंधित प्रश्नों के उत्तर दे सकते हैं। इस उत्तर में आप अपने आर्टिकल के लिंक भी लगा सकते हैं।

आप Quora, गूगल Question Hub जैसी Forum वेबसाइट्स उपयोग कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके ब्लॉग का ई-ईएटी Score बढ़ता है।

#7 – टॉपिक से संबंधित वेबसाइट्स से बैकलिंक बनायें

ब्लॉग पर बैकलिंक बनाना बहुत आवश्यक है, लेकिन यहाँ पर आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि आप जब भी किसी वेबसाइट्स परबैकलिंक बना रहे हैं। वह आपके टॉपिक से संबंधित होनी चाहिए। इससे गूगल की नजर में आपके ब्लॉग की विश्वनियता बढ़ती है।

अगर आप इन 7 Tips को अपने ब्लॉग में फॉलो करते हैं, तो आपका गूगल E-EAT बहुत तेजी से Improve होगा। जिससे आपके ब्लॉग की रैंकिंग में भी सुधार आयेगा।

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निष्कर्ष – Google E-EAT Kya Hai in Hindi

इस लेख में आपने सीखा की Google E-EAT Kya Hai, यह एसईओ के क्यों महत्वपूर्ण है? मुझे आशा है कि अगर आप इस लेख को मन लगाकर पढ़ते हैं, तो आपको गूगल ई-ईएटी के बारे में जानकारी हाँसिल करने के लिए किसी दूसरे ब्लॉग पर जाना नहीं होगा।

अगर इस लेख से आपकी कुछ भी मदद हुई तो इसे अपने मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें। अगर आप ब्लॉगिंग और एसईओ के बारे में सम्पूर्ण जानकारी हाँसिल करना चाहते हैं, तो मेरे ब्लॉग पर लगातार आते रहें।

Ashish Kumar एक Professional Blogger हैं, जिन्होंने पिछले 3 वर्षों से ब्लॉगिंग और ऑनलाइन पैसे कमाने के क्षेत्र में गहन अनुभव प्राप्त किया है। उनके पास ब्लॉगिंग से लेकर एफिलिएट मार्केटिंग, ई-कॉमर्स, और अन्य ऑनलाइन पैसे कमाने के तरीकों का गहरा ज्ञान है। इस ब्लॉग पर आपको Blogging और पैसे कमाने से संबंधित सारी जानकारी मिलेगी।

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