Bounce Rate Kya Hai: अगर आप एक ब्लॉगर हैं, तो आपने बाउंस रेट के बारे में अवश्य ही सुना होगा। यह गूगल की एक ऐसी मैट्रिक है जिसका बढ़ना ब्लॉगर के लिए चिंता का बिषय बन जाता है। जिसके कारण हर ब्लॉगर इसके बढ़ने से बचना चाहता है।
अगर अभी तक आपको इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी नहीं है, तो आपके मन कुछ सवाल चल रहे होंगे जैसे:- Bounce Rate Kya Hai? (What is Bounce Rate in Hindi), Bounce Rate कम कैसे करें? इसके बढ़ने से ब्लॉगर को क्या नुकसान होता है?
इस लेख हम आपके इन्ही सवालों के उत्तर देने वाले हैं, तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें। इसमें मैंने बाउंस रेट कम करने कुछ महत्वपूर्ण तरीकों के बारे में बताया है।
तो चलिए ज्यादा समय न खराब करते हुए सीधा चलते हैं अपने लेख पर विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं कि Bounce Rate क्या है?
Bounce Rate Kya Hai? (Bounce Rate क्या है?)
Bounce Rate दो शब्दों से मिलकर बना होता है। जिसमें Bounce का मतलब होता है उछलना या कूदना तथा Rate क मतलब होता है दर या प्रतिशत।
आपकी वेबसाइट अथवा ब्लॉग का Bounce Rate उन युजर्स का प्रतिशत होता है, आपकी वेबसाइट पर आते हैं और किसी लिंक पर क्लिक करके दूसरे वेबपेज पर पहुंचे बिना वापस लौट जाते हैं।
Definition of Bounce Rate in Hindi (Bounce Rate की परिभाषा)
Bounce Rate को हम इस तरह से परिभाषित कर सकते हैं। जब कोई युजर आपकी वेबसाइट पर आता है और उसे जानकारी चाहिए होती है वह हाँसिल करके उसी पेज से वापस लौट जाता है। ऐसे युजर्स की संख्या के औसतन मान को बाउंस रेट कहा जाता है।
चलिए और आसान भाषा में समझते हैं माना किसी वेबसाइट में आये 100 युजर्स में से 70 युजर्स ऐसे हैं, जो उसी पेज वेबपेज वापस लौट जाते हैं। यहाँ पर उस वेबसाइट का बाउंस रेट 70% होगा।
एक अच्छा Bounce Rate क्या है?
एक अच्छा Bounce Rate वेबसाइट के प्रकार पर निर्भर करता है। यदि आपकी ईकॉमर्स वेबसाइट है, तो आपके लिए 20% से कम बाउंस रेट सही है।
लेकिन अगर आपका एक ब्लॉग है, तो उसका बाउंस रेट 65% से कम ही अच्छा होता है। बेसक आप अपने ब्लॉग का बाउंस रेट कम करना चाहते हैं, लेकिन उससे पहले आपको अपने competitors को चेक करना चाहिए।
कि उनका बाउंस रेट कितना है। यहाँ तक आप चुके हैं कि Bounce Rate Kya Hai? अब आगे आप जानेंगे कि Bounce Rate कम कैसे करें?
Bounce Rate कम कैसे करें?
मैं अपने ब्लॉगिंग अनुभव से आपके साथ कुछ ऐसी महत्वपूर्ण टिप्स साक्षा करने जा रहा हूँ, जिनकी मदद से आप अपने ब्लॉग का बाउंस रेट कम कर सकते हैं। तो ज्यादा विलंभ न करते हुए जानते हैं इनके बारे में…
#1 – Content युनिक और Readabilityबनायें
आपकी ज्यादातर target Audience का आपके ब्लॉग को छोड़ने का कारण आपका Content युनिक और Readability न होना। युजर्स अनुभव तब बेहतर होगा जब आपका Content युनिक और Readability होगा। बिशेष कर युजर्स बड़े Sentence घबराते हैं।
अपने आर्टिकल को Readable बनाने के लिए नीचे कुछ टिप्स दी गई हैं जिन्हे आप आर्टिकल लिखते समय फॉलो कर सकते हैं।
- Topic पर अधिक प्रकाश डालने के लिए Sub Headings का उपयोग करें।
- लाभों या ध्यान देने योग्य बिंदुओं को समझाने के लिए bullet points का उपयोग करें।
- जहां उपयुक्त हो, industry expertsके खूब सारे चार्ट, चित्र, स्क्रीनशॉट और उदाहरणों का उपयोग करें।
- फोकस Keyword को कुछ बार बोल्ड करें (इसे ज़्यादा न करें)।
- अपने Content में बहुत सारे प्रश्न पूछें, इससे युजर्स आपके ब्लॉग पर खीचे चले आते हैं।
- और अंत में “निष्कर्ष’ में युजर्स को बतायें कि हमने आपको इस आर्टिकल में आपको क्या बताया है।
- आप अपने ब्लॉग की Readability को चेक करने के लिए read-able का उपयोग कर सकते हैं।
#2 – Mobile-Friendly Blog बनायें
आपको अपने ब्लॉग को Mobile-Friendly बनाना होगा क्योंकि आज के समय में ज्यादातर लोगो अपनी Query को सर्च करने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं।
आज का युग स्मार्टफोन का युग है। आपके ब्लॉग पर लगभग 95% युजर्स मोबाइल से आते हैं। इसलिए आपका ब्लॉग Mobile-Friendly होना बहुत जरूरी है।
#3 – Credibility दिखायें
Credibility का हिंदी मतलब होता है “विश्वसनीयता”। एक ऐसा शब्द जो अन्य लोगों में विश्वास या विश्वास को प्रेरित करने की क्षमता है।
reputation की तरह, विश्वसनीयता वह नहीं है जो आप अपने बारे में कहते हैं, बल्कि यह है कि दूसरे लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं। विश्वसनीयता किसी ब्लॉग अथवा वेबसाइट के लिए बहुत मायने रखती है, इसे नज़रअंदाज़ बिल्कुल भी न करें।
Credibility को दिखाने के लिए आप निम्नलिखित टिप्स को फॉलो कर सकते हैं।
- अपने Blog की डिजाइन सिम्पल और साधारण रखें।
- Local SEO में अपने Address और Phone Number को डालें।
- आपके युजर्स आपसे आसानी से सम्पर्क कर सकें।
- अपने आर्टिकल में आसान भाषा का उपयोग करें।
- Broken Grammar और Incorrect Spelling का उपयोग न करें।
- अपनी Niche से संबंधित ब्लॉग के साथ External Link बनायें।
#4 – Popups का उपयोग न करें
क्या आप जानते हैं कि 70% युजर्स का कहना है कि उन्हे irrelevant popups से तकलीफ होती है। और यह कभी नहीं बदल सकता है। बहुत से लोग पॉपअप से नफरत करते हैं।
irrelevant popups युजर्स को परेशान करते हैं और यह अधिक बाउंस रेट का कारण बनते हैं। क्योंकि यह पॉपअप किसी भी युजर्स के आर्टिकल पढ़ने में बाधा डालते हैं। और वह आपका ब्लॉग वहीं से छोड़कर चले जाते हैं। पॉपअप युजर्स अनुभब को भी खराब करते हैं।
हाँलिक पॉपअप काम भी करते हैं लेकिन जब ज्यादा जरूरी हो तभी इनका उपयोग करें। अन्यथा इनके उपयोग करने से हमेशा बचे रहें।
#5 – Page Speed को बेहतर करें
आपको अपने ब्लॉग अथवा Page की स्पीड को बेहतर बनाये रखना होगा। आप कितना भी अच्छा लिख लें लेकिन अगर आपके Page की स्पीड स्लो है और लोड़ समय लगता है, तो युजर्स आपके ब्लॉग पर आने से पहले ही चले जायेंगे। Page Speed को बेहतर करने के लिए आप निम्नलिखित टिप्स को अपना सकते हैं।
- पोस्ट में इमेज को अपलोड करने से पहले Compress करें। इसके लिए आप WP Rocket प्लगइन का उपयोग कर सकते हैं। यह इमेज Compress के साथ-साथ आपके ब्लॉग की स्पीड को भी बढ़ाती है।
- जितनी प्लगइन और थीम उपयोग में नहीं हैं उन्हे हटा दें। तथा जो उपयोग में हैं उनके फास्ट विकल्प की तलाश करें।
- CDN का उपयोग करें।
- JavaScript और CSS को छोटा करें
- browser caching को सेट करें।
- अधिक सुझावों के लिए Lighthouse की जाँच करें।
#6 – Internal Linking सही से करें
बाउंस रेट कम करने में Internal Linking बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आप अपने आर्टिकल से संबंधित पोस्ट को अच्छे लिंक करें। जैसे मेरा यह लेख SEO से संबंधित है, तो मैने इसमें SEO से संबंधित आर्टिकल को लिंक किया है।
ऐसे मैं जो युजर्स SEO से संबंधित जानकारी हाँसिल करने के लिए बाउंस रेट लेख को पढ़ता है, तो वह SEO से संबंधित अन्य लेखों को भी पढ़ सकता है। जिससे आपके बाउंस रेट में कमी आयेगी।
#7 – Good Looking ब्लॉग बनायें
अगर आपको अपने ब्लॉग पर युजर्स का ध्यान खिचना है, तो आपको अपने ब्लॉग को Good Lookingबनाना होगा। जिस भी वेबसाइट की डिजाइन जितना ज्यादा सरल और अच्छी होता है। उस पर युजर्स ज्यादा रुकते और अन्य पेजों पर जाते हैं।
वेबसाइट का लुक अच्छा और सरल बनाने के लिए आप Generatepress थीम का उपयोग कर सकते हैं। यह थीम बहुत ही Lightweight और Responsive होती है।
इसके अलावा वेबसाइट के Content साइज को 16 और 18 Px के बीच रख सकते हैं। किसी भी वेबसाइट के यह काफीस सही Font Size होता है।
#8 – Target Audience को पहचाने
आपको अपने Target Audience को पहचाना होगा। अगर आप अपने युजर्स के अनुरूप कंटेंट को तैयार करते हैं, तो इस बात के Chance बढ़ जाते हैं कि वह आपकी वेबसाइट पर देर तक रुक सकते हैं।
आप समय-समय पर Analysis करें कि युजर्स आपकी वेबसाइट पर कौन से कंटेंट को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा वह किसी कंटेंट पर ज्यादा समय दे रहे हैं। इसके लिए आप Google Analytics और Google Search Console का उपयोग कर सकते हैं।
यहाँ तक आप अच्छे से समझ गये होंगे कि Bounce Rate Kya Hai? Bounce Rate कम कैसे करें? अब आप आगे जानेगे कि क्या Bounce Rate रैंकिग Factor है?
क्या Bounce Rate रैंकिग Factor है?
बाउंस रेट रैंकिग फैक्टर नही होता है। यह सिर्फ एक मैट्रिक है। गूगल कई बार कह चुका है कि बाउंस रेट सीधा रैंकिंग को प्रभावित नही करता है।
लेकिन कुछ studies में bounce rate और ranking संबंध को दिखाया गया है। जिसके कारण आपको बाउंस रेट को सुधारना महत्वपूर्ण हो जाता है।
High बाउंस रेट अक्सर अन्य SEO factors में कमजोरी का एक लक्षण बनता है जैसे:
- Slow loading speed
- Low-quality वेबपेज डिजाइन
- Content और Keyword के बीच Mismatch
- ख़राब मोबाइल optimization
आपने देख लिया है कि High बाउंस रेट SEO पर क्या प्रभाव डालता है।
Bounce Rate और Exit Rate में अंतर
बाउंस रेट उन युजर्स का प्रतिशत मान है जो किसी वेबपेज पर आते हैं और अपनी जानकारी हाँसिल करते उसी वेबपेज से वापस लौट जाते हैं।
उदाहरण के लिए एक युजर आपके ब्लॉग पर किसी लेख पर पहुँचता है। और फिर वह कुछ सेकंड बाद अपना ब्राउज़र बंद कर देते हैं। या आपके ब्लॉग से चला जाता है। वह आपके पेज से उछाल गया है। इससे उस पेज की बाउंस रेट बढ़ जाएगी।
Exit Rate उन युजर्स का प्रतिशत मान है जो आपकी वेबसाइट पर किसी भी संख्या में वेबपेजों पर जाने के बाद किसी विशेष वेबपेज को छोड़ देते हैं।
उदाहरण के लिए, मान लें कि कोई युजर आपके ब्लॉग पर किसी लेख पर पहुँचता है।
फिर, वह एक Internal Link पर क्लिक करता है और दूसरे लेख पर पहुंच जाता है। और उस दूसरे आर्टिकल को पढ़ने के बाद वह अपना ब्लॉग छोड़ देता है।
यह कोई उछाल नहीं है लेकिन, क्योंकि युजर ने दूसरे लेख पर आपकी साइट छोड़ दी, इससे उस वेबपेज की Exit Rate बढ़ जाएगी। तो, सभी बाउंस Exit हैं। लेकिन सभी Exit बाउंस नहीं होते हैं।
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निष्कर्ष – Bounce Rate Kya Hai
आज के इस लेख में हम आपको Bounce Rate Kya Hai? और Bounce Rate Kam Kaise Kare? के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की है।
ताकि आपको इस बिषय से संबंधित जानकारी हाँसिल करने के लिए इंटरनेट पर अपना समय वर्बाद न करना पड़े। अगर इस लेख से आपकी कुछ भी मदद हुई हो तो इसे अपने मित्रों के साथ सोशल मीडिया पर अवश्य शेयर करें।
FAQ – What is Bounce Rate in Hindi
बाउंस रेट से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न निम्नलिखित हैं।
Q1. Bounce Rate मापने के लिए किस टूल का उपयोग किया जा सकता है?
Bounce Rate मापने का सबसे लोकप्रिय टूल Google Analytics है।
Q2. Bounce Rate क्या है?
Bounce Rate किसी साइट पर उन युजर्स का प्रतिशत मान है जो केवल एक वेबपेज पर जाने के बाद छोड़ देते हैं (या Bounce) करते हैं।
Q3. एक अच्छा Bounce Rate क्या है?
लगभग 25 से 40 प्रतिशत की Bounce Rate अच्छा माना जाता है।
Q4. Bounce Rate कम कैसे करें?
आप engaging content बनाकर, अच्छी Internal Linking करके, सही कीवर्ड को Target करके और उपयोग में आसान साइट नेविगेशन बनाकर Bounce Rate में सुधार कर सकते हैं।