On Page SEO Kya Hai, On Page SEO Kaise Kare: अगर अब Blogging में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं तो आपको SEO के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।
यह तो आपको अच्छी तरह से पता ही होगा कि Internet पर आज के समय में करोड़ों वेबसाइट और ब्लॉग उपलब्ध है और हजारों Blog/Websites दिन प्रतिदिन बन रहे हैं।
आज के समय में अपने Blog को एक अलग पहचान दे पाना काफी मुश्किल हो गया है। तो वहीं अगर आपकी Post सर्च इंजन के First Page में शो नहीं करती है। तो आपके ब्लॉग पर Organic Traffic भी कम आयेगा।
हम कोई ब्लॉग बनाकर उस पर Post लिखते हैं, तो हमारा उद्देश्य केवल ज्यादा से ज्यादा ट्रैफिक पाने का होता है क्योंकि जितना ज्यादा ट्रैफिक मिलेगा उतना ही ज्यादा पैसा मिलेगा। On Page SEO ही सर्च इंजन के टॉप पर हमारी पोस्ट को ला सकता है।
99% On Page SEO हमारे हाथ में होता है। इसलिए हम जितनी अच्छी तरीके से अपने Blog Post में On Page SEO करते हैं। हमारी Post के Chance उतने ही ज्यादा सर्च इंजन के पहले पेज पर रैंक करने के बढ़ जाते हैं।
तो चलिए ज्यादा समय न लेते हुए सीधा चलते हैं अपने लेख पर और विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं कि On Page SEO क्या है और On Page SEO कैसे करें?
On Page SEO क्या है?
आपने SEO के बारे में तो पढ़ा ही होगा। सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन का शोर्ट SEO होता है। ब्लॉग पोस्ट को सर्च इंजन रिजल्ट पेज में रैंक करवाने के लिए उसे लिखने से Publish करने तक की Process को On Page SEO कहा जाता है। On Page SEO को On Site SEO भी कहा जाता है।
On Page SEO ही एक ऐसा फैक्टर है जो आपके Blog Post पर अच्छा खासा Traffic ला सकता है और आपकी वेबसाइट को सही तरीके से रैंक कर सकता है। इसलिए ब्लॉग को रैंक कराने के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
आसान भाषा में समझें तो यह एक ऐसी Technique है जो किसी भी ब्लॉग पोस्ट को गूगल में रैंक करवाने की क्षमता रखती है। जिससे ब्लॉग पर अच्छा खासा ट्रैफिक आ सके।
On Page SEO क्यों जरुरी है?
अगर आप अपने Blog से बहुत सारा पैसा कमाना चाहते हैं, तो आपको बहुत सारे Traffic की जरूरत पड़ेगी। और यह Traffic तभी आएगा।
जब आप ब्लॉग तथा ब्लॉग पोस्ट सर्च इंजन रिजल्ट पेज में Top पर रैंक करेगा। इसके लिए आपको अपने Blog Post में On Page SEO अच्छे से करना होगा।
क्योंकि आज के समय में ज्यादातर लोग कुछ भी जानकारी हासिल करने के लिए इंटरनेट का उपयोग करते हैं। जो पोस्ट टॉप पर रैंक करती है। युजर्स उस पर क्लिक करके अपने सवाल का जवाब हाँसिल कर लेते हैं।
इसलिए आपको अपनी Post को सर्च इंजन में First Page पर Rank कराने के लिए On Page SEO करना होगा। इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि यह 99% आपके हाथों में होता है इसे आप अपने तरह से Optimize कर सकते हैं।
On Page SEO कैसे करें?
On Page SEO के अंदर कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट आते हैं। जैसे Quality Content, Title tags, Meta description, Keywords research, Keyword density etc।
On Page SEO में वो सभी On-Site Techniques शामिल होती हैं जिन्हें आप सही तरीके से Implement करके अपने ब्लॉग पेज को सर्च इंजन रिजल्ट पेज में टॉप पर रैंक करा सकते हैं।
Blog Post की Quality बढ़ाने के लिए Content और Technical Elements का उपयोग किया जाता है। इसलिए आप जितनी अच्छी तरीके से On Page SEO करेंगे। आपके उतने ही ज्यादा Chance बढ़ जाते हैं सर्च इंजन में रैंक करने के।
On Page SEO Technique में हमेशा बदलाव होता रहता है जिसका मुख्य कारण है Google Algorithm में बदलाव होना। आज मैं आपको इस पोस्ट में कुछ ऐसे फैक्टर के बारे में बताने वाला हूं जो लगभग हमेशा एक से ही रहते हैं। वहीँ ये गूगल सर्च इंजन में Constant रहती है और आज भी काम करती हैं।
- Keywords research
- Title tags
- Headings (Header Tags Optimization)
- Meta description
- URL structure
- Keyword density
- Images SEO
- ALT Text for Images
- Website Speed
- Mobile friendly site
- Quality Content
- Internal Linking
- External Linking
- Article Length
- Indexing Issue
- Broken Link
- Social Media Share button
On Page SEO Techniques in Hindi
On Page SEO में जिन Techniques का इस्तेमाल किया जाता है वो निम्नलिखित हैं।
#1 – Keywords research
किसी भी Blog Post को लिखने से पहले आपको Keywords के बारे में research करना होगा। एक सही Keywords का चुनाव ही आपके Blog को जल्दी से रैंक करा सकता है।
आपको उस कीवर्ड पर फोकस करना होगा जो ज्यादा से ज्यादा सर्च किया जा रहा हो और उस पर Competition भी काफी कम हो क्योंकि अगर अधिक Competition वाला आपने कीवर्ड चुना है, तो आपको सर्च इंजन में रैंक करने के लिए काफी ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी।
Keywords दो प्रकार के होते हैं.
Short Tale Keyword ऐसे कीवर्ड जिनमें 1 से 3 शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है उन्हें Short Tale Keyword कहते हैं, इन कीवर्ड्स में काफी ज्यादा Competition होता है. नए ब्लॉगर को इन कीवर्ड से बचना चाहिए।
Long Tale Keyword ऐसे कीवर्ड जिनमें 3 से अधिक शब्दों का प्रयोग किया जाता है उन्हें Long Tale Keyword कहते हैं। नए ब्लॉगर्स को Long Tale Keyword का प्रयोग करना चाहिए। क्योंकि इन में Competition कम होता है जिससे वह ब्लॉगिंग में काफी जल्दी से सफलता पा सकते हैं।
आज के समय में Internet पर बहुत सी ऐसी Website हैं। जो आपके ब्लॉक के लिए अच्छा सा कीवर्ड रिसर्च करके दे सकती हैं। जो Free तथा Paid दोनों रूप में उपलब्ध है। Google Keyword Planner, Semrush आदि इनका उपयोग आप कर सकते हैं।
#2 – Title tags
On Page SEO का सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर है Title अगर आप अपने Blog Post का Title सही रखते हैं, तो आपको उस पर ज्यादा से ज्यादा क्लिक मिलेंगे।
आपके Blog Post का Title CTR को बढ़ाता है। अगर आपके Blog Post का Title ठीक नहीं है, तो आप सर्च इंजन में कितना भी रैंक कर लें पर उस पर क्लिक नहीं आएंगे।
आपके Blog Post का Title 65 अक्षर से अधिक का नहीं होना चाहिए क्योंकि गूगल सर्च रिजल्ट में 65 अक्षर से अधिक का Title को शो नहीं करता है।
#3 – Heading
Blog Post के Content को पैराग्राफ में तोड़ने के लिए Heading Tag का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए Sub heading (H2 से H6) का प्रयोग किया जाता है. Sub heading में आपको अपने Blog Post का प्राइमरी कीवर्ड रखना बहुत जरूरी होता है।
किसी भी ब्लॉक पोस्ट में h1 टैग का होना बहुत जरूरी होता है। आप अपने ब्लॉग पोस्ट के Title को हमेशा H1 में ही रखें। इसके अलावा आप दूसरे Sub heading को H2, H3 में रख सकते हैं।
वहीं अगर आप अपने Blog Post में Sub Heading का प्रयोग नहीं करेंगे, तो आपका वेबपेज कहां पर शुरू हुआ है, पैराग्राफ कहां पर शुरू हुआ है। यह बात गूगल क्रॉलर को पता नहीं चलेगी।
जिससे वह आपके ब्लॉग पेज को क्रोल नहीं कर पाएगा और आपका वेब पेज रैंक नहीं कर पाएगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब भी आप H1 टैग का प्रयोग करें उसमें आप अपने फोकस कीवर्ड का इस्तेमाल जरूर करें।
#4 – Meta description
आप जब भी Google पर कोई भी चीज सर्च करते हैं, तो वहां पर कुछ रिजल्ट शो करते हैं| उसमें आपको Title के नीचे जो भी Description दिखाई देती है। उसे Meta Description कहते हैं।
Meta Description पूरे Blog Post की Summary होती है जिसके द्वारा यूजर को बताया जाता है कि आपको इस आर्टिकल में क्या पढ़ने अथवा सीखने को मिलेगा।
Meta Description में आप अधिक से अधिक 150 शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं। इसमें आपको अपने ब्लॉग पोस्ट के फोकस कीवर्ड को भी रखना होता है।
#5 – URL Structure
URL को ही Permalink कहा जाता है. किसी भी ब्लॉग पोस्ट का URL इस तरह से बनाएं जिससे कि यूजर तथा गूगल क्रॉलर को आसानी से पता चल सके कि यह पोस्ट किस टॉपिक पर है।
जैसा कि आप इस उदाहरण से समझ सकते हैं- https://www.hindimekamaye.com/on-page-seo-kya-hai । इस URL को देखकर आपको समझ में आ गया होगा कि यह पोस्ट On Page SEO के टॉपिक पर आधारित है।
SEO-Friendly URL बनाने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना होगा।
- URL में हमेशा फोकस कीवर्ड का उपयोग जरूर करें।
- इसमें आप कभी भी Special Character (#,$,&,% etc.) का उपयोग इस्तेमाल ना करें।
- URL को हमेशा छोटा और यूनिक बनाएं।
- इसमें आप Lowercase Letter का उपयोग।
- शब्दों को अलग-अलग डिवाइड करने के लिए (-) चिन्ह का प्रयोग करें।
- URL हमेशा English या Hinglish में ही बनाएं।
#6 – Keyword Density
आपके Blog Post में फोकस कीवर्ड की संख्या को Keyword Density कहते हैं। Keyword Density आपके Blog पोस्ट में शब्दों पर आधारित होती है।
आप अपने blog पोस्ट में 1% से 2% के बीच में फोकस कीवर्ड की संख्या रख सकते हैं। अगर आपका ब्लॉग पोस्ट 2000 शब्द का है तो आप इसमें 10 से 12 बार फोकस कीवर्ड का उपयोग कर सकते हैं।
#7 – Images SEO
ब्लॉग पोस्ट में कम से कम एक इमेज का उपयोग जरूर करें। यहां पर आपको इमेज का भी SEO अच्छी तरीके से करना होगा। क्योंकि बहुत से यूजर गूगल इमेज में जाकर इमेज सर्च करते हैं।
अगर आप अच्छी तरीके से SEO करते हैं तो आपकी इमेज गूगल इमेज में शो करेगी। जिस पर क्लिक करके यूजर आपके Blog पर जा सकता है। वहां से भी आपके पोस्ट पर ट्रैफिक आएगा।
- Images SEO करने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना होगा।
- आपको अपने Blog पोस्ट में हमेशा कॉपीराइट फ्री इमेज का प्रयोग करना होगा।
- Image का नाम अवश्य change करें. आप अपने फोकस कीवर्ड को ही इमेज का नाम दे सकते हैं।
- इमेज में Alt Text का इस्तेमाल करें. Alt Text में इमेज से Relevant Text का इस्तेमाल करें।
#8 – Website Speed
Website Speed On Page SEO का एक महत्वपूर्ण फैक्टर है। क्योंकि अगर आपकी साइड की स्पीड Slow है, तो यूजर आपकी वेबसाइट पर आना पसंद नहीं करेगा। आज के समय में वेबसाइट की लोडिंग स्पीड एक डायरेक्ट रैंक फैक्टर बनता जा रहा है।
अगर आपकी Website की Loading Speed Slow है, तो गूगल आपकी वेबसाइट या वेब पेज को रैंक नहीं करता है। आप अपने वेबसाइट की लोडिंग स्पीड बढ़ाना चाहते हैं तो आप WP ROCKET नाम की Plug-in को Install करके Activate कर लें।
यह आपकी वेबसाइट की स्पीड को कुछ हद तक बढ़ा देगी। लेकिन आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि आप अपने वेबसाइट पर फास्ट और लाइट थीम का ही प्रयोग करें।
#9 – Mobile Friendly Blog
आज के समय में ज्यादातर यूजर मोबाइल से सब कुछ सर्च करते है। Google की माने तो 70% से 75% यूजर आज के समय में मोबाइल में ही किसी भी टॉपिक को सर्च करते हैं।
इसलिए आपको अपनी Blog को Mobile friendly बनाना होगा। अगर आपकी Blog Mobile friendly नहीं है, तो गूगल इसे रैंक नहीं करेगा।
अगर आप अपनी वर्डप्रेस Blog को Mobile friendly बनाना चाहते हैं, तो मैं आपको कुछ ऐसी वर्डप्रेस थीम्स बताने वाला हूं, जिनका उपयोग करके अपने Blog को Mobile friendly बना सकते हैं।
- Astra
- Divi
- OceanWP
- GeneratePress
- Neve Theme
इनमें से आप किसी भी थीम को अपने वर्डप्रेस ब्लॉग पर Use कर सकते हैं, यह थीम्स Free तथा Paid दोनों तरह की उपलब्ध हैं।
#10 – Quality Content
अगर आपको सच में ब्लॉगिंग में अपना कैरियर बनाना है तो आपको अपना ब्लॉग पोस्ट खुद तैयार करना होगा। आप इस ब्लॉग पोस्ट को 100% यूनिक और यूजर फ्रेंडली ही बनाना होगा। अगर आपने पोस्ट लिखने के लिए किसी अन्य वेबसाइट से कॉपी करते हैं।
तथा किसी AI Tool की मदद से Generate करते हैं, तो ऐसे कंटेंट को Google कभी भी रैंक नहीं करता है, अगर आप चाहते हैं कि आपकी वेबसाइट गूगल में रैंक करें तो हमेशा यूनिक आर्टिकल ही लिखें। इससे आपकी वेबसाइट का Bounce Rate भी कम होगा।
इसके अलावा अगर आप जानना चाहते हैं कि यह आर्टिकल Unique है या नहीं, तो आप गूगल में जाकर Free Plagiarism Checker टाइप कर सकते हैं।
यहां पर आपको बहुत सारे ऐसे टूल्स फ्री में मिल जाएंगे जो आपके आर्टिकल को चेक करके बता देंगे। अगर आप यूनिक कंटेंट पब्लिश करते हैं जो आपके युजर्स की पूरी तरह से मदद करता हैं। तब गूगल आपके Google EAT को Improve करने लगता है।
#11 – Internal Linking
इंटरनेट के दुनिया में जब किन्हीं दो या दो से अधिक वेबपेजों को आपस में जोड़ा जाता है, तो उन्हें Linking कहते हैं। आसान भाषा में समझे तो किसी चीज को जोड़ने को लिंक कहते हैं।
जब किसी ब्लॉक पोस्ट में उसी ब्लॉग के किसी अन्य ब्लॉक पोस्ट को लिंक किया जाता है, तो उसे Internal Linking कहते हैं। On Page SEO की दृष्टिकोण से Interlink Linking बहुत महत्वपूर्ण होता है। इससे आपके ब्लॉक पर आने वाले यूजर का Engagement बढ़ता है।
आपके ब्लॉग का बाउंस रेट भी कम होता है, जिससे आपके ब्लॉग की गूगल रैंकिंग बढ़ने में मदद होती है। इसे Inbound लिंक भी कहा जाता है। Internal Linking में Link Juice पास होता है।
जो आपके ब्लॉग की पेज अथॉरिटी को बढ़ाता है। Internal Link करते समय हमेशा सटीक मिलान वाले Anchor Text का उपयोग करें। क्योंकि इससे सर्च इंजन के क्रॉलर को क्रॉल करने में आसानी होती है।
#12 – External Linking
जब आप अपने ब्लॉग पोस्ट में किसी अन्य पोस्ट अथवा वेबसाइट का लिंक जोड़ने हैं, तो इसे External Linking कहा जाता है। External Linking को हम Outbound Link भी कहते हैं।
External Link को कभी Backlink समझने की कोशिश न करें। Backlink वो होते हैं जो आपकी वेबसाइट के पेज का लिंक अपनी वेबसाइट में लगाते हैं। तब जाकर आपको बैकलिंक मिलता है।
- Outbound Link को जोड़ते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।
- आप अपने ब्लॉग पोस्ट में Affiliate Link या Paid Link का ही उपयोग ना करें।
- जिन वेबसाइटों पर आपको विश्वास ना हो उनका लिंक अपने पोस्ट में ना डालें।
- High Authority वाली वेबसाइटों का ही लिंक अपने ब्लॉग में डालें।
#13 – Article Length
आप अपने टॉपिक के अनुसार अपने ब्लॉग पोस्ट में कम से कम 1500 से 2000 शब्दों का उपयोग करें। क्योंकि आपके Article की लंबाई जीतनी अधिक होगी उसके उतने ही अधिक Chance होंगे गूगल में रैंक करने का।
लेकिन मैं यहां आपको बताना चाहूंगा कि आप बिना मतलब के अपने आर्टिकल को लंबा ना करें टॉपिक के अनुसार Article की Length रखें।
ब्लॉग पोस्ट में आप अपने टॉपिक को पूरा करें जिससे यूजर को पूरी जानकारी मिल सके और वह है दूसरे ब्लॉग पर न जाए।
#14 – Indexing Issue
अगर आपके ब्लॉग का कोई भी वेब पेज गूगल में रैंक नहीं कर रहा है, तो आपको इसके Indexing Issue को फिक्स करना होगा. इसके लिए आपको Robot Tag और Robots.txt File के द्वारा चेक करें कि वेब पेज की Indexing ब्लॉक तो नहीं है।
अगर आपका ब्लॉग पेज इन दोनों Indexing के द्वारा ब्लॉक नहीं है, तो आप पता लगे कि आपका वेब पेज इंडेक्स क्यों नहीं हो रहा है, और क्या समस्या है अधिक जानकारी के लिए इस आर्टिकल को अवश्य पढ़ें।
#15 – Broken link
जाने अनजाने में Blog में कई ऐसे Broken Link बन जाते हैं. जो आपके Blog के लिए Google Ranking में नेगेटिव प्रभाव डालते हैं.
अगर आपके भी ब्लॉग में Broken Link बन गए हैं तो आप ऑनलाइन ब्रोक Broken Link Checker के द्वारा Find करके इन्हें जल्द से जल्द ठीक करें।
#16 – Social Media Share button
Social Media Share Button Indirectly आपके ब्लॉग के लिए फायदेमंद होती है। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि जितना ज्यादा आपका ब्लॉग या वेबपेज शेयर किया जाएगा।
गूगल को उतना ज्यादा ऐसा लगता है कि इस ब्लॉग या वेब पेज में मौजूद कंटेंट यूजर फ्रेंडली है। जिससे गूगल इसे रैंक करता है, तो आप अपने ब्लॉग में सोशल मीडिया शेयर बटन का प्रयोग अवश्य करें।
On Page SEO या Off Page SEO में कौन सा ज्यादा जरुरी है?
यहां पर यह कहना कि On-Page SEO या Off Page SEO दोनों महत्वपूर्ण कौन है काफी कठिन है। क्योंकि दोनों ही आपके वेबपेज या ब्लॉग के लिए जरूरी है। ये दोनों मिलकर ही आपके वेबपेज या वेबसाइट को गूगल पर रैंक करते हैं।
सरल भाषा में समझ तो किसी घर को बनाने के लिए जिस तरह फाउंडेशन के साथ-साथ छत की आवश्यकता होती है. ठीक इसी तरह किसी ब्लॉग को सफल होने के लिए On-Page SEO और Off Page SEO की आवश्यकता होती है।
On-Page SEO में हमें अपने ब्लॉग पर काम करना होता है, तो वहीं Off Page SEO में हमें अपने ब्लॉग के बाहर काम करना होता है।
On Page SEO करने की यूट्यूब वीडियो गाइड
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निर्ष्कष – On Page SEO Kaise Kare
आज के इस लेख On Page SEO Kya Hai? में हमने आपको On Page SEO Kaise Kare के बारे में विस्तार से सरल भाषा में बताया है ताकि आप अपनी ब्लॉग पोस्ट में अच्छे से On Page SEO कर जिससे वह SERPs में Top पर रैंक कर सके।
यदि On Page SEO से संबंधित आपके मन में कोई सवाल है, तो आप मुझसे कमेंट करके पूंछ सकते हैं। हम आपकी हर संभव मदद करेंगे।
मुझे आशा है कि आज का लेख On Page SEO क्या है? आपको बेहद पसंद आया होगा। अगर ऐसा है, तो इसे अपने मित्रों के साथ सोशल मीडिया पर अवश्य शेयर करें। यदि आप SEO के बारे में विस्तार से सीखना चाहते हैं, तो इस ब्लॉग की SEO केटेगरी को पढ़ सकते हैं।
FAQ – On Page SEO Kya Hai in Hindi
On Page SEO से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न निम्नलिखित हैं।
On Site SEO और Off Site SEO क्या है?
On-Site SEO सर्च इंजनों के लिए किसी वेबसाइट के कंटेंट और संरचना को Optimize करने के लिए उपयोग की जाने वाली रणनीतियों को संदर्भित करता है। इसमें Keyword Research, Meta Tags, Site Structure, और Content Optimization शामिल होते हैं। Off-Site SEO किसी वेबसाइट के सर्च इंजन रैंकिंग में सुधार के लिए लिंक बिल्डिंग और सोशल मीडिया मार्केटिंग जैसी गतिविधियों को संदर्भित करता है।
टॉप 5 On-Page SEO फैक्टर क्या हैं?
टॉप 5 On-Page SEO फैक्टर निम्नलिखित हैं।
Site Speed: अगर वेबसाइट की स्पीड फास्ट होती है, तो इससे युजर्स का अनुभव आपकी वेबसाइट पर अच्छा रहता है।
Copywriting: Rich Content के लिए जो पूरी तरह से समझाता है कि युजर्स को क्या जानने की आवश्यकता है और आपके Content को युजर्स से जोड़ने के लिए कौन से सर्च इंजन क्रॉल कर सकते हैं।
Title tags/Meta descriptions: यह दोनों फैक्टर आपकी पोस्ट पर फॉकस का काम करते हैं।
Keywords: अपने कंटेंट के माध्यम से युजर्स के सवालों का जवाब देने के लिए।
Internal Link Building: जानकारी पर आधारित समान Content से लिंक करना।
Keyword Stuffing क्या है?
जब आप सर्च इंजन रिजल्ट पेज में अपने आर्टिकल को रैंक करवाने के लिए फोकस कीवर्ड का उपयोग अत्याधिक करते हैं। इस स्थित को Keyword Stuffing कहा जाता है। इसे Google द्वारा एक स्पैम तकनीक माना जाता है और इसके लिए Manual Penalty दी जा सकती है।
क्या लंबे पेज SEO के लिए हानिकारक हैं?
पेज की लंबाई के लिए Google की कोई प्राथमिकता नहीं है। Search Intent से मेल खाने और युजर्स की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए हमेशा उचित मात्रा में Content प्रदान करें।
क्या प्रत्येक पेज को SEO की आवश्यकता है?
नहीं, केवल उन ही पेजों पर SEO जिन्हें आप युजर्स को दिखाना चाहते हैं। जैसा कि कहा गया है, अपने SEO प्रयासों को उन पर केंद्रित करें जिनका आपके व्यवसाय के लिए सबसे बड़ा मूल्य है।